नैदरलैंड्स के शोधकर्ताओं ने 250 रोगियों पर अध्ययन किया और आठ कारकों का पता लगाया जिनका मस्तिष्क में ख़ून के रिसाव से संबंध था.
स्ट्रोक नामक पत्रिका में छपे इस शोध के अनुसार कॉफ़ी, सेक्स और नाक सिनकने से रक्तचाप बढ़ता है जिससे धमनियां फट सकती हैं.
ब्रिटेन में हर साल कोई 1,50000 लोग पक्षाघात का शिकार होते हैं जिनमें से 29,000 को मस्तिष्क में ख़ून बहने के कारण लकवा मारता है.
जब किसी धमनी में फैलाव होता है तो वो कमज़ोर पड़ जाती है और फट सकती है. इस स्थिति में मस्तिष्क को तो हानि पहुंचती ही है मौत भी हो सकती है.
यूट्रैख़्त के यूनिवर्सिटी मैडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने तीन साल तक 250 रोगियों पर नज़र रखी ये देखने के लिए कि किन वजहों से धमनी फटती है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि दस में से एक धमनी के फटने के लिए कॉफ़ी ज़िम्मेदार थी.
ज़ोरदार कसरत करने से धमनी के फटने का ख़तरा 7.9 प्रतिशत, नाक सिनकने से 5.4 प्रतिशत और सेक्स से 4.3 प्रतिशत बढ़ जाता है.
इस सूची में शौच में दम लगाना, कोला पेय पीना, चौंकना और क्रोधित होना भी शामिल किए गए हैं.
इस शोध की प्रमुख लेखिका और स्नायु विज्ञानी डॉ मॉनीक व्लाक का कहना है, "ये सभी उत्तेजक अचानक और कम समय के लिए रक्तचाप बढ़ाते हैं जो धमनी फटने का एक संभावित कारण है".
ख़तरा घटाना
शोध के लेखकों का कहना है कि 50 में से एक व्यक्ति के मस्तिष्क की धमनी में फैलाव होता है लेकिन बहुत कम फटती हैं.
डॉ व्लाक का सुझाव है, "कैफ़ीन का प्रयोग घटाने और कब्ज़ वाले रोगियों को कब्ज़ दूर करने वाली दवाएं देने से इसका ख़तरा कम किया जा सकता है".
इस अध्ययन में धमनी फटने के कारकों पर नज़र डाली गई है.
जबकि उच्च रक्तचाप धमनियों को कमज़ोर बनाता है लेकिन उसके और कई कारण हैं जैसे अधिक वज़न, धूम्रपान और कसरत न करना.
लेकिन स्ट्रोक एसोसिएशन का कहना है कि इस दिशा में और अनुसंधान करने की ज़रूरत है
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